खर्च पूरा करने के लिए अब मेट्रो को नॉन टिकटिंग - Desh Localnews - LiveHindustan.com by riteshexpert on 22 August, 2012 - 04:00 PM | ||
---|---|---|
riteshexpert | खर्च पूरा करने के लिए अब मेट्रो को नॉन टिकटिंग - Desh Localnews - LiveHindustan.com on 22 August, 2012 - 04:00 PM | |
मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी पर विराम के बाद अब डीएमआरसी बढ़ते खर्च को पूरा करने के लिए अन्य संसाधनों को तलाशने में जुट गई है। खासतौर पर कमर्शियल प्रॉपर्टी डेवलपमेंट के जरिये वह इस खर्च को पूरा करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि सिर्फ बिजली की बढ़ी दर की वजह से मेट्रो के परिचालन पर दस फीसदी अतिरिक्त खर्च का भार डीएमआरसी पर पड़ा है। दरअसल पिछले दिनों बिजली की दरों में इजाफे के साथ ही डीएमआरसी प्रमुख मंगू सिंह ने कहा था कि खर्च में हुई वृद्धि को पूरा करने के लिए तमाम विकल्पों पर गौर किया जाएगा। इसके बाद किराए में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा जोरों पर थी। हालांकि शहरी विकास मंत्रालय की ओर से किराए में बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन विधि मंत्रालय ने इस पर विराम लगा दिया। डीएमआरसी के अधिकारियों के अनुसार अब उनके पास बढ़ते खर्च को वहन करने के लिए नॉन टिकटिंग का प्रमुख विकल्प है। इसमें कमर्शियल प्रॉपर्टी डेवलपमेंट के जरिये वह खर्च को पूरा करने की कोशशि करेंगे। अब तक इस प्रक्रिया से डीएमआरसी तकरीबन 22 फीसदी खर्च का भार उठाती है। इसमें वृद्धि होने पर लगभग 45 फीसदी तक खर्च का भार उठाने की योजना है। इसके अलावा डीएमआरसी टिकटिंग के माध्यम से तथा कंसलटेंसी के जरिये भी खर्च की राशि को पूरा करने का प्रयास करती है। डीएमआरसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने बताया कि प्रॉपर्टी डेवलपमेंट में विज्ञापन(इंडोर-आउटडोर), स्टेशन पर लगने वाले पैनल, मेट्रो में विज्ञापन पैनल तथा मॉल व क्योस्क विकसित कर बढ़ते खर्च को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि अब तक सिर्फ बिजली पर मेट्रो को पूरे खर्च का करीब 30 फीसदी हिस्सा देना होता था, इसमें नई दरों के अनुसार 40 फीसदी तक खर्च करना पड़ेगा। जिसकी पूर्ति के लिए संसाधनों का और बेहतर इस्तेमाल करने पर ध्यान दिया जाएगा। बाक्स-मेट्रो की प्रति ट्रिप व अन्य कार्य पर होने वाले खर्च का कुल 40 फीसदी हिस्सा बिजली पर व्यय होगाखर्च वहन का तरीका-प्रॉपर्टी डेवलपमेंट से 45 फीसदी तक आय करने की योजना, हांग-कांग समेत कई देशों में इतनी कमाई इस विधि में हो रही है-टिकटिंग से महज 10 फीसदी ही हो पाती है आय-कंसलटेंसी से दो प्रतिशत आय -विदेशी फंडिंग व अन्य सरकारी एजेंसियों से भी मिलती है डीएमआरसी को मदद। |